कवि कृष्णा सेंदल तेजस्वी जी द्वारा रचना

🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
⛳⛳⛳         _*कविता शेष*_          ⛳⛳⛳
🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳

_जब देशद्रोही सम्मुख हो तो अभिराम नही रुकता।_

_श्रीकृष्ण संग अर्जुन हो रथ अविराम नही रुकता।।_

_काट  दिये  शिर हमने  या तो कट गए शिर हमारे।_

_स्वाभिमान जिंदा हो सीने में संग्राम नही रुकता।।_


🛕🛕🛕🛕🛕🛕🛕🛕🛕🛕🛕🛕

                          *_कृष्णा सेन्दल तेजस्वी_*

🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ