कवि दिनेश चंद्र प्रसाद "दीनेश" जी द्वारा रचना (विषय-ए. पी. जे. अब्दुल कलाम)

बदलाव अंतरराष्ट्रीय-रा
दिनाँक-१३-१०-२०२०
विषय-ए. पी. जे. अब्दुल कलाम
शीर्षक-" मिसाइलमैन कलाम "
हे मिसाइलमैन कलाम तुझे सलाम
जन्म हुआ एक नाविक के घर में
तमिलनाडु के रामेश्वरम जिला में
15 अक्टूबर 1931 था वो साल
जन्म लिया एक अद्भुत सा लाल
नाम था ए.पी.जे. अब्दुल कलाम
हे मिसाइल मैन मेरा तुझे सलाम

बचपन से ही थी कुछ करने की तम्मना
इसलिए शुरू कर दिया उसने अखबार बेचना
फिर जारी रहता दिनरात पढ़ना लिखना
आते थे हमेशा अव्वल क्लास में कलाम
हे मिसाइल मैन मैं करता तुझे सलाम

विद्या अर्जन की आपने सेंट जोसेफ कॉलेज
तिरुचिरापल्ली इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी
बने प्रोफेसर, लेखक,वैज्ञानिक, इंजीनियर
अग्नि,पृथ्वी, त्रिशूल,नाग के तुम हो जनक
भारत को बनाया तुमने परमाणु सम्पन्न देश
थे आप इसरो के प्रमुख कर्ताधर्ता कलाम
हे मिसाइल मैन तुझे मैं करूँ सलाम सलाम

भारत के ग्यारहवें प्रथम नागरिक
तूने युवाओं को किया है जागरूक
सपने दिखाया सच होने के लायक
आदर्श स्थापित किये बने तुम नायक
हे पोखरण पुरूष जे अब्दुल कलाम
तुझे सलाम सलाम सलाम सलाम

मरने के वक्त भी आप पढ़ने लिखने
की बातें ही करते रहें, ज्ञान देते रहें
शिलांग में व्याख्यान देते वक्त रुकी हृदय गति
भगवान को प्यारे हुए सबके प्रिय कलाम
हे भारत रत्न प्रेरणा पुरूष कलाम तुझे सलाम
"दीनेश" करता तुझे सलाम सलाम सलाम

दिनेश चंद्र प्रसाद "दीनेश" कलकत्ता
रचना मेरी अपनी मौलिक रचना है।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ