बदलाव मंच
सप्ताहिक प्रतियोगिता
9/10/ से 13/10/2020
विषय - राष्ट्रपति अब्दुल कलाम
विधा - पद्य
शीर्षक - मिसाइल मेन
जन्म लिया था मुफ़लिसी में
जीवन को गढ़ा गढ़ते गये बने महान ।
निरन्तर चलता रहा अभ्यास , कभी न हुये उदास
सपनों को दी उड़ानें पाया आकास ।।
विज्ञान को बनाया कर्म़क्षेत्र , मानवता के धर्म ।
संगीत से था प्रेम , बच्चों के शुभचिंतक ।।
एक समर्ण था कलाम का जीवन
अर्पण था देश को अब्बदूल का जीवन ।।
भेदभाव देख मन घबराता चिंता करते ।
प्रेम की ज्योति जगाने की चेष्टा करते ।।
असफलताओं को घर नहीं बनाने दिया ।
निंरन्तर प्रयास कर सफलता को घर दिया ।।
विश्व पटल पर जलाई भारत की मशाल ।
विज्ञान के ज्ञानी , प्रतिभा थी बहुत विशाल ।।
हमारा कलाम को सलाम है
महान आत्मज्ञानी को सलाम है
देश के सच्चे सपूत , जात पात से ऊपर
निर्धनता में जीकर , रहे धनवानों से ऊपर ।।
चहेते सबके राष्ट्रपति की गरिमा बढाई ।
विश्व पटल पर अपनी जगह बनाई ।।
रोता बिलखता देश को नमी आँखों में दे गया ।
दुनियाँ को अलविदा कह गया
मिसाइल मेन की पदवी लेने वाला
पंचत्तव में विलीन हो गया
हमारा कलाम को सलाम है
हमारा सलाम है कलाम को ।।
डॉ अलका पाण्डेय मुम्बई
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धन्यवाद
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