कवयित्री रश्मि मानसिंघानी जी द्वारा रचना “. ए o पी o जे o अब्दुल कलाम" (भारत के पूर्व राष्ट्रपति, परमाणु वैज्ञानिक एवं मिसाइल मैन के नाम से प्रसिद्ध)

बदलाव मंच (राष्ट्रीय - अंतरराष्ट्रीय मंच) 
   सप्ताहिक प्रतियोगिता हेतु रचना 
 (9 अक्टूबर से 13 अक्टूबर 2020) 
दिनांक - 13-10-2020 
विषय -  डॉ. ए o पी o जे o अब्दुल कलाम (भारत के पूर्व राष्ट्रपति, परमाणु वैज्ञानिक एवं मिसाइल मैन के नाम से प्रसिद्ध) 
विधा - गद्य लेखन 

 डॉक्टर अबुल पाकिर जैनुलअब्दीन अब्दुल कलाम यानी डॉक्टर  ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर  1931 को दक्षिण भारतीय राज्य तमिलनाडु के रामेश्वरम  में एक गरीब मछुआरे परिवार में हुआ था उन्होंने हाई स्कूल रामनाथपुरम के एक विद्यालय सेउत्तीर्ण किया उच्च शिक्षा प्राप्ति के लिए तिरुचिरापल्ली गए और वहां उन्होंने सेंट जोसेफ कॉलेज में प्रवेश ले लिया। डॉक्टर अब्दुल कलाम पर उनके पिता की बातों का बहुत गहरा असर था।  पेशे से नाविक कलाम के पिता ज्यादा  पढ़े-लिखे नहीं थे पर  वे अध्यात्म की जटिल अवधारणाओं को भी तमिल में बहुत ही सरल ढंग से समझा देते थे  एक बार उन्होंने कलाम से कहा, " जब संकट या दुख आए तो उनका कारण जानने की कोशिश करो। विपत्ति हमेशा आत्म विश्लेषण के अवसर प्रदान करती है। " कलाम जी ने अपनी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की सारी जिंदगी में पिता जी की बातों का अनुसरण करने की कोशिश की है  कलाम जी बचपन में  अखबार भी बाँटा करते थे।  दरअसल, वे अपने पिता की आर्थिक तौर पर मदद करना चाहते थे जिसके लिए वे स्कूल से आने के बाद अखबार बांटने निकल जाया करते थे।  एक दिन जब वह पिताजी के साथ अखबारों की छटनी कर रहे थे कि उनकी नजर अंग्रेजी दैनिक 'हिंदू' में छपे एक लेख पर पड़ी जिसका शीर्षक था  'स्विफ्ट फायर' यानी 'मंत्र बाण'। दरअसल यह प्राचीन भारतीय अस्त्र का नाम था जिसका इस्तेमाल द्वितीय विश्व युद्ध में गठबंधन सेनाओं (मित्र राष्ट्र )ने किया था। वास्तव में  यह आग्नेयास्त्र मिसाइल ही था,  जिसको पढ़ कर अब्दुल कलाम  अंदर तक उत्तेजित हो गए थे और सोचने लगे थे कि काश! हिंदुस्तान के पास इस तरह के आग्नेयास्त्र होते। बाद में उनके जीवन की सफलता की सारी कहानी इसी सपने का विस्तार है।पढ़ाई खत्म करने के बाद अब्दुल कलाम ने कैरियर की  शुरुआत की, तो भारी दुविधा में फंस गये,  क्योंकि उन दिनों वैज्ञानिक  के छात्रों की यूरोप और अमेरिका में अच्छी खासी मांग थी। हाँ  पैसा भी इतना मिलता था जिसकी सामान्य हिंदुस्तान के लोग तो कल्पना भी नहीं कर सकते थे। अपनी आत्मकथा कृति' माई जर्नी' में  कलाम साहब ने लिखा है -जीवन के वे दिन काफी कसमसाहट भरे थे। एक तरफ विदेशों में शानदार करियर था, तो दूसरी तरफ देश -सेवा का आदर्श। बचपन के  सपनों को सच करने का मौका। चुनाव करना कठिन था कि आदर्शों की ओर चला जाये या मालामाल होने के अवसर को गले लगाया जाये। लेकिन अंततः मैंने तय किया कि पैसों के लिए विदेश नहीं जाऊंगा । इस तरह 1958 में मैं डी. आर. डी. ओ डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट आर्गेनाइजेशन से जुड़ गया। 
 सपने वो नहीं होते जो रात को सोने पर आते हैं सपने वो होते हैं जो रातों में सोने नहीं देते। ऐसी दमदार विचार रखने वाले भारत के पूर्व राष्ट्रपति ए पी अब्दुल कलाम जी 1992 से 1999  रक्षा मंत्री के रक्षा सलाहकार भी रहे। इसी दौरान वाजपेई सरकार ने पोखरण में दूसरी बार न्यूक्लियर टेस्ट भी किए और भारत परमाणु हथियार बनाने वाले देशों में शामिल हो गया। बैलेस्टिक मिसाइल और प्रक्षेपण यान प्रौद्योगिक के विकास के कार्यों के लिए भारत में मिसाइल मैन के नाम से प्रसिद्ध डॉ कलाम को बच्चों से अत्यंत लगाव था। वह कहते थे कि देश की तरक्की बच्चों पर निर्भर करती है।  वह बच्चों को खूब पढ़ने और आगे बढ़ने तथा अच्छा नागरिक बनने की प्रेरणा देते थे। वह सदैव देश के विकास के लिए चिंतन,  मनन करते थे और संकट के समय वह देशवासियों को धैर्य से काम करने की प्रेरणा देते थे। प्रोफेसर, लेखक, वैज्ञानिक, एयरोस्पेस इंजीनियर कलाम जी 2002 में भारत के राष्ट्रपति चुने गए। उन्हें जनता का राष्ट्रपति के नाम से जाना जाता है भारतीय गणतंत्र के 11वीं निर्वाचित राष्ट्रपति डॉक्टर अब्दुल कलाम जी को वर्ष 1997 में भारत रत्न सम्मान से नवाजा गया। डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन और डॉक्टर जाकिर हुसैन के बाद कलाम जी ही एक ऐसे व्यक्ति हैं जिन्होंने भारत रत्न मिलने के बाद राष्ट्रपति का पद संभाला। राष्ट्रपति पद से सेवा मुक्त होने के बाद डॉ कलाम शिक्षण, लेखन, मार्गदर्शन, और शोध जैसे कार्यों में व्यस्त रहे। अग्नि मिसाइल और पृथ्वी मिसाइल का सफल परीक्षण का श्रेय उन्हीं को है। उन्हें किताबें पढ़ने का, कर्नाटक संगीत सुनने का, वीणा बजाने का बहुत शौक था।  27 जुलाई 2015 को दिल का दौरा पड़ने से इस महान व्यक्ति का निधन हो गया। सचमुच डॉक्टर अब्दुल कलाम जैसा व्यक्तित्व का इस धरती पर जन्म लेना भारत के लिए गौरव की बात है। 

रश्मि मानसिंघानी 
मस्कट, ओमान। 
      

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1 टिप्पणियाँ

  1. आदरणीया रश्मि मानसिंघानी जी, मस्कट, ओमान।
    🙏नमस्ते🙏
    कलाम साहब के बारे में विस्तृत जानकारी दी है आपने अपने लेख में। कुछ विशेष बातें आपके लेख से, जिन्हें जीवन में धारण करना चाहिए-
    -विपत्ति हमेशा आत्मविश्लेषण के अवसर प्रदान करती है।
    -सपने वो होते हैं जो रात को ना सोने दे।
    -संकट के समय धेर्य से काम लें।
    ,🙏🙏🙏

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