सुखदेव टैलर,निम्बी जोधाँ जी द्वारा विषय महिला और आरक्षण पर खूबसूरत लेख#

देश के अलग-अलग अख़बार में प्रकाशित मेरा मौलिक आलेख " महिला और आरक्षण" को आप भी पढ़ें...

शीर्षक:- महिला और आरक्षण

मेरे आलेख की शुरुआत मेरे
नवनिर्मित मौलिक दोहे से ही करता हूँ।

"नारी तू नारायणी , खुद पर कर तू नाज।
 पाना पद संघर्ष कर, रोया मिले न राज।।"

यदि ध्यान से देखा जाए तो भगवान के घर से महिलाओं को आरक्षण प्राप्त है। क्योंकि कुछ शक्तियाँ व सामर्थ्य महिलाओं में है वो पुरुषों में नही है। पर समाज में बढ़ती पुरुषवादी मानसिकता ने उन शक्तियों व सामर्थ्य को गौण कर दिया है। सो महिलाओं को अपने खोए हुए सम्मानजनक स्थान व अधिकारों की प्राप्ति के लिए महिलाओं को आरक्षण मिलना चाहिए। लेकिन महिलाओं को आरक्षण तो बहुत सी शासन व प्रशासन सेवाओं व शिक्षा क्षेत्र में पहले से मिला हुआ है। फिर भी महिलाओं की स्थिति में वो सुधार नही हुआ है जो होना चाहिए।उसका मूल कारण है महिलाओं को मिले आरक्षण का सदुपयोग नही होना। उदाहरण के तौर पर आज महिलाओं को पंचायत राज चुनाव में आरक्षण प्राप्त है और उस आरक्षण के बदोलत महिलाएँ चुनाव में उम्मीदवार बनती हैं और जीतती है। लेकिन क्या महिलाओं को प्राप्त पद जैसे पंच, सरपंच, प्रधान आदि का वास्तविक पद प्राप्त है। जी... नही... आप सब जानतेंं हो अधिकतर इन पदों का वास्तविक अधिकारी या तो उन महिलाओं के पति हैं या उनके घर का कोई पुरुष सदस्य। तो फिर महिलाओं को मिले आरक्षण का क्या फ़ायदा। यदि सच्च में महिलाओं को आरक्षण से सशक्त बनाना है तो पहले मिले आरक्षण का महिलाओं को पूर्ण सदूपयोग करना होगा। और यह तब ही संभव है जब महिलाएँ स्वयं अपने अधिकारों के प्रति जागरुक होगी।
लेकिन साथ में यह दुर्भाग्य भी है कि कुछ महिलाएँ सरकार से मिले अधिकारों का दुरुपयोग भी करती है। जिसका मूल्य सम्पूर्ण महिला जात को चुकाना पड़ता है।
अतः जागरुकता के साथ साथ यह भी जरुरी है कि महिलाएँ अपने अधिकारों का सदुपयोग कर समाज में अपना एक स्वच्छ व सम्मानजनक स्थान प्राप्त करे...।
    मौलिक आलेख
✍️ सुखदेव टैलर,निम्बी जोधाँ
       ‌नागौर, राजस्थान

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