वो आज़ादी का दीवाना था"**(चन्द्रशेखर आज़ाद)*


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शीर्षक- *"वो आज़ादी का दीवाना था"*
*(चन्द्रशेखर आज़ाद)*
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सन उन्नीस सौ छः ई. का,
दिन था तेईस जुलाई।
चन्द्रशेखर को जन्म दिया,
धन्य थी ऐसी माई।।

माता थीं जगरानी देवी,
पिता थे सीताराम।
मध्यप्रदेश जिला अलीराजपुर,
और भाबरा ग्राम।।

जलियांवाला बाग़ कांड के,
विरोध प्रदर्शन में आये थे।
तेरह साल की उमर सजा में,
पंद्रह कोड़े पाए थे।।

जेल को घर पिता स्वाधीन,
खुद को बताया 'आज़ाद'।
'वन्दे मातरम' निकला मुँह से,
हर कोड़े के साथ।।

आज़ादी को देश के,
बन गए क्रान्तिकारी।
रामप्रसाद बिस्मिल से मिलकर,
खूब निभाई यारी।

काकोरी की ट्रेन डकैती,
वॉयसराय पर हमला को।
सॉण्डर्स पर साधा निशाना,
लाला जी के बदला को।।

देश का असली हीरो था वो,
अंग्रेजों से खूब लड़ा।
एक साथी की गद्दारी से,
दुश्मन बीच अनन्य पड़ा।।

इलाहाबाद का अल्फ़्रेड पार्क,
अंग्रेजों ने घेर लिया।
कारतूस जब एक बचा तब,
खुद का मस्तक भेद लिया।।

कभी किसी से डरा नहीं वो,
तो हिम्मत का खज़ाना था।
अधिक बखान करूँ मैं क्या,
वो आज़ादी का दीवाना था।।

हिन्द देश की खातिर जिसने,
किए अनेकों काम।
ऐसे साहसी वीर को,
'जितेन्द्र' का प्रणाम।।
©®
            जितेन्द्र कुमार पटेल(स.अ.)
            जनपद- महराजगंज, उ.प्र.
Badlavmanch

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