छेड़ा मैने राग रागिनी ,तुम भी तो कुछ गाओ

श्रृंगार गीत
छेड़ा मैने राग रागिनी ,तुम भी तो कुछ गाओ ।
प्रिये तुम जरा पास तो आओ ।।

क्या उम्दा सुर ताल मिले है ।
उर के सुन्दर सुमन खिले है ।
रितु वर्षा सुहागिन हो तुम , अब सफला हो जाओ ।..............१

राग आग सुर धधक रहा है ।
पके  खता सा दहक रहा है ।
आज मुझे  आप्लावित करने , राग मल्हार को गाओ ।................२

सप्त सुरों का यह तन वीना ।
क्यों मेरा सुख चैन है छीना ।
तन रूपी वीणा के ऊपर , आकर तुम हाथ फिराओ .।...................३

तेरी तान मधुर  मुझे भाती ।
पंचम स्वर में जब तू  गाती ।
देखा तेरा रूप सलोना , मुझे और न अब तरसाओ ।...................४

राजेश तिवारी" मक्खन "
झांसी उ प्र

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