रिश्ते बेटी 1
वो मेरी प्यारी बेटी है
वो मेरी प्यारी बेटी है
मैं उसका प्यारा पापा हूँ
वो मेरी लाड़ली बेटी है
मुझे खिलाकर खाती हे वो
मुझे सुला कर सोती है
सूरज के उगने से पहले
मुझको रोज जागती है
वो मेरी प्यारी बेटी है
वो मेरी लाड़ली बेटी है
कभी कभी खुश होती तो
पिताजी कहकर पुकारती है
उसकी प्यारी बोली सुन
हिरदय कमल खिलजाता है
पतझड़ मे बाहर आती हे
दिल बाग बाग होजाता है
हम मिले नही हे आजतक
फिर भी वो मेरी बेटी है
हजारो मिल हे दूर मुझसे
पर दिल के पास वो रहती है
कुच्छ रिश्ते नही खून के
पर जान से प्यारे होते है
वो मेरी प्यारी बेटी है
मुँह बोली मेरी बेटी है
मै उसके बच्चों का नाना हूँ
वो लाड़ली मेरी बेटी है
हम मिले नही हे आजतक
पर रोज ही बाते करते है
ये रिश्ता बना मोबाइल से
ये रिश्ता अब तो दिल से है
ये कहानी नही हकीकत है
मेरे जीवन की गाथा है
सच कहता हूँ यारो वो
विधा दाहिनी की बेटी है
मेरी रचना का शब्द शब्द
उसकी ही मेहरबानी है
वो मेरी प्यारी बेटी है
अब तो "लक्ष्य" इतना अपना
बिटिया से मिलना मिलना
वो मेरी प्यारी बेटी है
निर्दोष लक्ष्य जैन
धनबाद झारखंड 22।6।2020
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