कवयित्री गीता पाण्डेय जी द्वारा 'प्रेरणा' विषय पर बाल गीत

दिनांक-31.08.2020
दिन-सोमवार
विधा-बाल गीत
शीर्षक-प्रेरणा

मेरे प्यारे प्यारे सुंदर बच्चे,
लगते हो तुम बहुत ही अच्छे।
उत्साह आज से हो परिपूर्ण,
तुमसे उम्मीद बंधी है सम्पूर्ण।
जीवन की तुम ही हो रौनक,
आंखों के तुम मेरे हो ऐनक।
जीवन में कभी न होना मजबूर,
प्यार स्नेह लुटाऊँ मैं भी भरपूर।

   तुम जीवन की हो मेरे लाली,
   जिसमें मैं रहती हूं मतवाली।
   तुम ही हो मेरे आँख के तारे,
   प्यारे-प्यारे मेरे हो राजदुलारे।
   कभी न भागो कर्मों से अपने,
   सदा बुनो तुम सुंदर से सपने।
   खुदी त्याग हृदय कर पावन,
   अपना जीवन बना मन भावन।

नेक कार्य से मुँह कभी न मोड़ना,
सम्बन्धो को अच्छे से जोड़ना।
उतार चढ़ाव की परवाह  न करना,
स्वाभिमान की भी रक्षा को भरना।
विश्वास सदा खुद पर तू रखना,
खुदगर्जी में कभी नहीं रहना।
व्यभिचार व अनाचार से लड़ना,
जीत-हार की परवाह न करना।

   सब कुछ वतन पर न्योछावर,
   इससे मिलेगा तुमको पावर।
   देश के प्रति अपना कर्तव्य निभाओ,
   सत्कर्मों के सुंदर पुष्प चढ़ाओ।
   बड़ो का सदा तुम आदर करना,
   छोटों में भी स्नेह को तुम भरना।
   इन बातों को जीवन में अपनाओ,
   अपना उज्ज्वल भविष्य बनाओ।
           गीता पाण्डेय
  रायबरेली-उत्तरप्रदेश

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