छत्तीसगढ़ के कवि नारायण प्रसाद साहू जी की कविता#काश ऐसा होता

काश! ऐसा होता 
चारो तरफ खुशी ही खुशी होती ।
ना ही कोई गम होता ।
अगर मैं ,तुम नही केवल हम होते ।
प्रकाश ही प्रकाश होता ।
ना ही कहीं कोई तम होता ।
ना ही कोई किसी पर गरम होता ।
अगर सबका ह्रदय नरम होता ।
देश का हित केवल करम होता ।
सेवा भाव ही केवल धरम होता।
लोक लाज थोडी  शरम होती  ।
समाज  में भी अपराध बहुत कम होता ।
ना किसी के मन में कोई भरम होता ।
सब का हित अगर सम होता ।
काश! लोगों के बातों में दम होता।
ना कोई किसी के लिए यम होता ।
केवल मानवता ही परम होता ।
नारायण प्रसाद साहू, दुर्ग छत्तीसगढ़ 

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2 टिप्पणियाँ

  1. कवि नारायण प्रसाद साहू जी को बहुत बहुत शुभेच्छा और शुभकामनाएं । बहुत ही सुंदर लिखें हैं महाशय ।🙏

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  2. Bahut hi sundar kavita ke liye apko hardik shubhkamnaye.��

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