🌿🌹 🌿 एक लेखक🌿🌹🌿
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एक लेखक दुख-सुख से हटकर,
अपनें मन की बातों को लिखता है।
जन-जन के मन में जागृति जगाकर,
नही कुछ भी लिखने से डरता है।
आभाष नही किसी भी दुख-सुख का,
अपने सच्चें लेखन पर केंद्रित रहता है।
अपनें लेखन के ही दम पर ही वो,
सारी बुराईयों से लड़ता रहता है।
नित नयें ज्वलंत विचारों के जल से,
लेखन को अपनें स्वच्छ बनाता रहता है।
अपनें कथा,काव्य,कहानी से
उच्च-विचारों का सृजन करता है।
पतझड़ में अपनें लेखन के दम पर,
नित नयें बहारों का मौसम लाता है।
अंध-विश्वास आडम्बर को अपनें,
लेखन से दूर भगाता रहता है।
भटकें पथ के पथिकों को वह,
सही राह दिखलाया करता है।
बुराई कुरीति भ्र्ष्टाचार से एक लेखक
पर्दा रोज उठाया करता है।
विचारों को सुंदर शब्दों में पिरोकर,
जन-जन के मन में नई क्रांति लाता है।
अपनें दुख-सुख की अनुभूति का उसको,
समय कहाँ और कब ?मिल पाता है।
लेखक अपना समय परसेवा परमार्थ,
जनकल्याण के लिए बिताता है।
एक ज्ञान की लौ जला अज्ञानता को,
दूर भगाया करता करता है।
सारी दुनियाँ में अपनें लेखन से
एक अलख जगाया करता है।
एक ज्ञान की ज्योति जलाकर के,
अज्ञानता के बंधन से मुक्त कराया करता है।
स्वरचित और मौलिक
सर्वाधिकार सुरक्षित
🎂समाप्त🎂 लेखिका-शशिलता पाण्डेय
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