बदलाव अन्तर्राष्ट्रीय साहित्य मंच
दिनांक--15-08-2020
शीर्षक- आजादी की कीमत
🌻 🌻 🌻 🌻 🌻 🌻
स्वरचित कविता
🇮🇳 🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
हे भारत माँ की संतानों,
आजादी की कीमत जानो।
हंसकर फांसी पर लटक गए,
उनके बलिदान को पहचानों।
🇮🇳 🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
बिरवा मुक्ति का बोया था,
अपने शोणित से सींचा था।
फिर खाद पड़ी नरमुंडों की,
क्रांति का अंकुर फूटा था।
🇮🇳 🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
इतिहास पढो तुम वीरों का,
मन में नव जोश जगाएगा।
बातों से मिली थी आजादी,
यह भ्रम सारा मिट जाएगा।
🇮🇳 🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
सत्तावन से सैतालिस तक,
बलिदान की कई कहानी है।
बलिदान की कदर करो रमेश,
बेकदरों को समझाना है।
🇮🇳 🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
संघर्ष से सब पा सकते हैं,
मेहनत से ना घबराना है।
तुम काम करो युवा ऐसा,
भारत की शान बढाना है।
🇮🇳 🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
हे भारत माँ की संतानों,
आजादी की कीमत जानो।
हंसकर फांसी पर लटक गए,
उनके बलिदान को पहचानों।
🇮🇳 🇮🇳 🇮🇳 🇮🇳 🇮🇳 🇮🇳
🙏 🙏 🙏 🙏 🙏 🙏
नाम-रमेश चंद्र भाट
पता-टाईप-4/61-सी,
रावतभाटा, चितौड़गढ़,
राजस्थान।
मो.9413356728
0 टिप्पणियाँ