मराठी-पोवारी-हिंदी के प्रसिद्ध मंचीय कवि देवेंद्र चौधरी की ग़ज़ल

🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺

                        *ग़ज़ल* 

 *नसीब  हमारे   हम   कुंवारे   नही है।* 
 *बाल  आपके  लिए   सँवारे   नही है।* 

 *आपको लगता हम मरते है आपपर?* 
 *एक  नजर  देखे   है  निहारे  नही है।* 

 *सुना हमने, आप ही मरती हो हमपर,* 
 *लोगो  के   कान   है  दीवारे  नही है।* 

 *है ख़ुदा की मेहरबानी  क्या करे हम?* 
 *मुस्कान  है, प्यार  के फवारे  नही है।* 

 *सुनो, आपको हो गयी है गलतफहमी,* 
 *इश्क  के  संदेश  वह  हमारे  नही  है।* 
*******************************
®© *श्री देवेंद्र चौधरी, तिरोडा* 
          जिला-गोंदिया (महाराष्ट्र)
          ता. १४/०७/२०२०
🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ