कवि- आ. अनुराग बाजपेई(प्रेम) जी द्वारा सुंदर रचना..

दो घड़ी पास बैठो मैं पढ़ लूँ तुम्हें।

दूँ मोहब्बत सीखा प्यार कर लूं तुम्हें।

दो घड़ी पास बैठो मैं पढ़ लूँ तुम्हें।

तुझको दिल में बसा कर मैं जी भर जला।

राह थी तो कठिन, पर मैं फिर भी चला।

कुछ कहो न यूँ मुझसे, बस जी लूँ तुम्हें।

दो घड़ी पास बैठो मैं पढ़ लूँ तुम्हें।

ये कैसी दो पल सी चल पड़ी ज़िन्दगी।

न ही ख़ुद के रहे, न कर सके बन्दगी।

प्रेम मूरत बना पूज लूँ मैं तुम्हें।

दो घड़ी पास बैठो मैं पढ़ लूँ तुम्हें।

दूँ मोहब्बत सीखा प्यार कर लूं तुम्हें।

जानता तुम मेरे हो नहीं हमनवां।

तुम कहीं जी रहे, हम हैं जाने कहाँ।

गीत लिख दूँ तुझे, ग़ज़ल कर दूं तुम्हें।

दूँ मोहब्बत सीखा प्यार कर लूं तुम्हें।

दो घड़ी पास बैठो मैं पढ़ लूँ तुम्हें।

अनुराग बाजपेई(प्रेम)
८१२६८२२२०२

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