सादर समीक्षार्थ
विषय - श्री हरि
विधा -. हाइकु
1. श्री हरी नाम
जगत में है सच्चा
बाकी है मिथ्या
2-. श्री हरि नाम
भज ले मेरे प्यारे
होगा उद्धार
3 -. श्री प्रभु ही हैं
अंतिम सत्य यहाँ
बाकी फरेब
4 - श्री हरि कृपा
से होगा ही उद्धार
निश्चित तेरा
5 - प्रभु बिन न
कोई भी जग में है
पालनहार
6 - भवसागर
पार करा दो नैया
मेरे श्री हरी
7 श्री हरि तुम्हें
नमन करूँ रोज
कार्य सँवारो
डॉ. राजेश कुमार जैन
श्रीनगर गढ़वाल
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