दोस्त स्वरचित
वो जान से प्यारा होता है
वो सबसे न्यारा होता है
जो सबसे प्यारा होता है
वो दोस्त हमारा होता है
वो चाँद का मुखड़ा होता है
जो दिल का टुकड़ा होता है
जो पल पल साथ रहता है
सुख दुःख में साथ निभाता है
वो दोस्त हमारा होता है
स्वार्थ की इस दुनियाँ में
निस्वार्थ वो चेहरा होता है
नही मतलब का वो साथी है
वो अपना सा चेहरा होता है
सुख दुःख का जो साथी है वो दोस्त हमारा होता है
ये रिश्ता नही खून का है
पर खून से प्यारा होता है
साया भी जुदा होजाता है
वो हर हाल साथ निभाता है
चाहे दूर वो हमसे कितना हो
पर दिल के पास वो रहता है
दोस्ती की खातिर जीता है
दोस्ती की खातिर मरता है
सच कहता ये निर्दोष "लक्ष्य"
वो खुदा का चेहरा होता है
जो दोस्त हमारा होता है
स्वरचित ... निर्दोष लक्ष्य जैन
धनबाद
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