कवयित्री सविता मिश्रा जी द्वारा 'मैं ही हूँ' विषय पर रचना

मंच नमन 
बदलाव मंच (राष्ट्रीय - अंतरराष्ट्रीय मंच )
साप्ताहिक प्रतियोगिता हेतु रचना 
(18 अक्टूबर - 24 अक्टूबर 2020 ) 
विषय - नारी शक्ति 
शीर्षक - मैं ही हूँ
दिनांक - 18-10-2020
दिन - रविवार
विधा - कविता

नारी हूँ, हाँ मैं नारी हूँ l
हर घर की कहानी हूँ, हाँ मैं कहानी हूँ l1l

हर घर की, आन - बान - शान भी मैं ही हूँ l 
मत भूलों, जग की जननी भी मैं ही हूँ l2l

मत करो अनादर, क्योंकि आधी आबादी भी मैं ही हूँ l
लक्ष्मी बाई, इंदिरा गाँधी, लता मंगेशकर मैं ही हूँ l3l

बिना मेरे, सृष्टि का आधार नहीं समझ लो l
जिस घर मैं नहीं वो घर, घर नहीं मरघट समझ लो l4l

पिता की परी - राजकुमारी, पति की रानी - महारानी और बेटे की घर - संसार भी मैं ही हूँ l
बेटी, बहन, माँ, पत्नि भी मैं ही हूँ l5l

अबला-असहाय नहीं, सबला- चंडी भी मैं ही हूँ l 
भावनाओ विचारों का मत मेरे अपमान करो l6l 

मिस इंडिया, मिस वर्ल्ड, मिस यूनिवर्स, भी मैं ही हूँ l
शिक्षिका, समाजसेविका, कवियत्री, लेखिका भी मैं ही हूँ l7l

दया, करुणा, ममता, आत्म-स्वाभिमान, की मूरत भी मैं ही हूँ l
विद्या की देवी सरस्वती, धन की देवी लक्ष्मी, भी मैं ही हूँ l8l

शक्ति की देवी, दुर्गा भी मैं ही हूँ l
युगों - युगों से पूजी गयी भी मैं ही हूँ l9l

मानो तो हर जगह  मैं ही हूँ l
हर युग की कहानी भी मैं ही हूँ l10l

बस इसका सम्मान करो... सम्मान करो.. सम्मान करो... l
सम्मान की अधिकारी, भी तो मैं ही हूँ l11l

रचनाकार का नाम - सविता मिश्रा 
(शिक्षिका, समाजसेविका और कवियत्री ) 
पता - वाराणसी उत्तर प्रदेश 
स्वरचित और मौलिक रचना

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ