कवि रूपक जी द्वारा रचना (विषय- दोषी कौन...?)

दोषी कौन?....

मेरे पैदा होते ही मैं ही दोषी हो गई
क्योकि मैं लड़की जो थी

मेरा सुंदर होना भी मेरा एक दोष था 
क्योंकि लोग ज्यादा मुझे ही सराहते थे

मैंने गलत की विरोध किया इसलिए 
मैं दोषी हो गई क्योंकि मैं लड़की थी

मैं गुलामी की जिंदगी जीने का विरोध किया
इसलिए भी मैं दोषी हो गई
 
अपनी इच्छा के मुताबिक कुछ करनी चाही
इसलिए भी मैं दोषी हो गई

मरने के बाद भी मैं दोषी ही रह जाऊंगी
क्योंकि उसके मुताबिक 
जिंदगी जो नहीं जीना चाही।
©रुपक

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