खता गर हमसे हुई तो,
हम हैं आपके गुनहगार,
दिल जो दुखाया तो,
खतावार हूँ मैं आपका,
छेड़ जो दिया कभी आपको,
दिल पे न लेना ऐ सनम,
दिया जो कोई गम कभी,
कर देना उसे अलविदा,
अर्जी है मेरी इतनी सी,
ऐ मल्लिका -ए -हुश्न,
अदावत है बेमिशाल,
कुदरत की अनोखी काया,
शीतल छांव, जुल्फों में समाया,
दे दो फिर वही मुस्कुराहट,
बंदा ए आशिक को वही चाहत।
*डॉ सत्यम भास्कर भ्रमरपुरिया*
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