डॉ.गुलाब चंद पटेल जी द्वारा विषय बात एकता की पर खूबसूरत रचना#

राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय बदलाव मंच साप्ताहिक लघु कथा प्रतियोगिता हेतु


शीर्षक :बात एकता की
बात एकता की :

   दक्षिण अफ्रीका में जंगल में आश्रम था वहाँ बच्चे शिक्षा हेतु दाखिल हुए थे, एक बार गुरुजी ने बच्चों की परीक्षा लेना चाहते थे, इन्होने बच्चो को बाहर मैदान में प्रार्थना के लिए इकट्ठे किए
 प्रार्थना हो गई, फिर कुछ ज्ञान की बाते हुई, बच्चों को बताया कि आप इस पेड़ से 100 मीटर की दूरी पर चले जाइए बच्चे सभी उस पेड़ से दूर 100 मीटर की दूरी पर चले गये
   अब गुरुजी ने कहा कि यहा ये मिठाई का डिब्बा प़डा है, जिसे मिठाई खानी हे वो सबसे पहले दौड़ कर इस पेड़ के पास पहुँच जाए उसे ही मिठाई मिलेगी
  बच्चो को पूछा कि क्या आप सभी तैयार है,? तब बच्चों ने कहा कि हा हा हम सभी तैयार है, अब सभी बच्चों को भूख तो लगी ही थी, यहा तो सबसे पहले पहुंचेगा उसे ही मिठाई देने की बात गुरुजी ने की है, सभी बच्चों ने उपाय ढूंढ निकाला,
   गुरुजी ने बताया कि बच्चों चलो तैयार हो, बच्चों ने कहा कि हा हा हम दौड़ लगाने के लिए तैयार है, गुरुजी ने आदेश दिया कि रेडी स्टड़ी गो, सभी बच्चों ने एक दूसरे का हाथ पकड़ लिया और दौड़ ने लगे
   सभी बच्चे एक साथ पेड़ के पास पहुच गए, गुरुजी भी आश्चर्य चकित हो गए, बच्चों की एकता देखकर गुरुजी बहुत ही खुश हुए, बच्चों ने एकता कर प्रतियोगिता जीत ली, यदि कोई एक बच्चा दौड़ में आगे निकल जाता तो उसे एक को ही मिठाई मिलने वाली थी किन्तु ईन बच्चों की एकता ने सभी को जीत दिलाई और मिठाई भी खिलाई, यही हे एकता का संदेश।

डॉ.गुलाब चंद पटेल 
कवि लेखक अनुवादक 
महात्मा गांधी साहित्य सेवा मंच गांधीनगर

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