नमन मंच
बदलाव अंतरराष्ट्रीय मंच साप्ताहिक प्रतियोगिता ,
दिनांक,,12,11,2020 दिवस ,,,,,गुरुवार
दीपोत्सव
उतर रही व्योम से स्वर्णिम सौगात,
आई स्नेहिल दीपोत्सव की रात।
जगमग संवेदनाओं के दीप जले,
हो मन की राहें प्रमुदित।
खुशियों की लड़ियां सजी चहुं ओर,
उमंगित हो सभी प्रफुल्लित ।
हो रोशनी त्याग समर्पण की,
संस्कार रीति-रिवाजों से सुरभित।
मनोरम रंगोली घर आंगन द्वार
मधु,, संस्कार रीति रिवाजों से हो ज्योतित।
मधु वैष्णव "मान्या"
विधा मुक्त मौलिक स्वरचित रचना, अप्रकाशित, जोधपुर,राजस्थान
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