सादर समीक्षार्थ
विषय - आशा का दीप
विधा - नज़्म
जीवन से तम को दूर कर दीजिए
आशा का दीपआप भी जलाइए
खुशियों की गंगा में नित नहाइए
यूँ ही नहीं आप कभी घबराइए..।।
जीवन में हर पल बस मुस्कुराइए
गमों को न कभी भी पास बुलाइए
बेबस की मदद को हाथ बढ़ाइए
रोते हुए को आप हँसाईए..।।
जीवन में कोई काम कर जाइए
मिशाल एक नई आप बन जाइए
प्रेम का संगीत सभी को सुनाइए
काम कोई महान कर जाइए..।।
देश पर मर मिटे वीरों के नाम
दीप एक आप भी आज जलाइए
पावन दीपोत्सव का यह पर्व है
गीत तो एक प्यार से गुनगुनाइए..।।
डॉ. राजेश कुमार जैन
श्रीनगर गढ़वाल
उत्तराखंड
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