निर्मल जैन 'नीर' जी द्वारा बेहतरीन रचना#

माता-पिता...
(सायली छंद)
-----------------------------
सदैव
रहे आशीष 
माता पिता का
कभी बिछड़े
नही
लुटाते
सारा प्यार
मात-पिता से
हमें मिलते
संस्कार
कोई
नही मोल
माता-पिता होते
जीवन में
अनमोल
होते
मात-पिता
जीवन के आधार
फिर क्यों
लाचार
----------------------------
निर्मल जैन 'नीर'
ऋषभदेव/उदयपुर
राजस्थान

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ