शशिलता पाण्डेय जी द्वारा# एकता भाईचारा#

नमन
 राष्ट्रीय ,अंतरराष्ट्रीय बदलाव मंच
साप्ताहिक प्रतियोगिता
विषय:-देशभक्ति, एकता, भाईचारा
दिनांक :-28 अक्टूबर
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सरदार बल्लभभाई पटेल की कर्तव्यनिष्ठता
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आजादी के पहले 1909 की बात है।
सरदार बल्लभ भाई पटेल एक स्वतंत्रता संग्राम
 सेनानी का केस लड़ रहे थे।जिसे झूठे केस में
 फंसाया गया था। उसके केस के जिरह के
 लिए सरदार पटेल को कोर्ट जाना था। 
उनकी पत्नी गंभीर रूप से बीमार थी फिर भी वो
 अदालत गए। केस की जिरह की दौर में
  एक कर्मचारी सरदार पटेल को
  एक टेलीग्राम दिया जिसमें सरदार पटेल की पत्नी
  का मृत्यु की खबर थी।
 पटेलजी ने एक सरसरी निगाह डालते हुए उसे
 पढ़ा और  अपने जिरह में व्यस्त हो गए अपने जेब मे
 रख लिया। सरदार पटेल उस स्वतंत्रता सेनानी   
 को बचाने में सफल रहें। एक जज ने उनसे इस 
बारे में पूछा। क्योकि उसे सब पता था।
 उन्होंने जबाब दिया "एक निरपराध स्वतंत्रता सेनानी
  को बचाने के लिए सबसे पहले मैनें अपने फर्ज का
    मैनें निर्वहन किया।
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स्वरचित और मौलिक
सर्वधिकार सुरक्षित
लेखिका :- शशिलता पाण्डेय
बलिया (उत्तर प्रदेश)

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