भास्कर सिंह माणिक कोंच जी द्वारा#बदलाव#

बदलाव अंतरराष्ट्रीय मंच
'बदलाव'
नव  बदलाव के लिए 
नव  निर्माण के लिए 
हमें मिल पग बढ़ाना
नूतन क्रांति के लिए 

पूर्व  का  चिंतन  करें
अग्रज का लेखन पढ़ें
पृष्ठ गढ़ें जग के लिए
नूतन  क्रांति  के लिए

गीत   गाए   जागरण 
दुनियां करें अनुसरण
गद्य रचें प्रीत के लिए
छंद रचे नीत के लिए

दर्पण तरसे दाग को
हो प्रसन्नता बाग को
जिए यथार्थ के लिए
मरे परमार्थ के लिए
-----------------------
जय हिन्द वन्देमातरम
   भास्कर सिंह माणिक कोंच

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ