कवयित्री श्रीमती देवंती देवी द्वारा 'मानव धर्म' विषय पर रचना

मनुष्य के घर जन्म लेकर मानवता निभाना जरूरी है ,आइए मानव धर्म को समझते हैं 

मानवता के लिए उषा की किरण जगाने वाले हम

शोषित पीड़ित दलित जनों का भाग्य जगाने,वाले हम 

मानवता केलिए उषा की किरण
जगाने वाले हम 

हमअपने ही श्रम शिखर से
उसर में स्वर्ग बना देंगे

कंकड़ पत्थर समतल कर कांटों में फूल खिला देंगे 

सतत परिश्रम से अपने ही वैभव लाने वाले हम 

मानवता के लिए उषा की किरण जगाने वाले हम

मानव,घर मेजन्म लिया,मानवता फर्ज निभाएंगे

जो देश हित का कार्य होगा,संपूर्ण कर दिखलाएंगे

भारत माता का बेटा हूं भारतीयता मेरी नारा है

सबसे सुंदर सबसे प्यारा मानव जन्म हमारा है

तंत्र स्वदेशी मंत्र स्वदेशी मैं भाव
स्वदेशी जगाऊंगा

वक्त पड़े तो बलिवेदी पर अपना शीश कटाऊंगा

मानवता के लिए उषा की किरण जगाने वाले हम 

शोषित पीड़ित दलित जनों का भाग्य बनाने वाले हम

लेखिका
श्रीमती देवंती देवी 
धनबाद झारखंड 
10 12 2020

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