निर्मल जैन 'नीर' द्वारा अद्वितीय रचना#

हिन्द की सेना....
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सूर्य सा तेज़~
सीमा पर जवान
खड़ा मुस्तेद
सेना तैयार~
सीमा पर शत्रु की
है ललकार
बर्फीली घाटी~
बन्दूक ताने फ़ौजी
प्यारी है माटी
जय जवान~
वीर हँसते हुए 
होता कुर्बान
करो वन्दन~
हिंद की सेना का हो
अभिनन्दन
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निर्मल जैन 'नीर'
ऋषभदेव/उदयपुर
राजस्थान

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