बदलाव मंच को नमन
दिनांक :01/01/2021
विषय :नव वर्ष का सूरज
विधा:कविता
*नव वर्ष का सूरज*
नव वर्ष का सूरज उदय हुआ
लालिमा लिए नया सवेरा हुआ
छाया घना कोहरा
धीरे-धीरे दूर भागने लगा
ठंड से मिली निजात
ऊर्जा का हुआ संचार
नई आशाएँ व नई उम्मीदें
जागी है लोगों के मन मे
रात बारह बजे के बाद से
हैप्पी न्यू ईयर मनाया सबने
साल का पहला त्यौहार
लोहड़ी है आया
उमंग, हर्षोउल्लास, खुशी है
नर -नारी मे है लाया
बुरे विचारों, दुःख, दर्द
सबकी आहुति देंगे अग्नि को
खुशियाँ और हर्षोउल्लास
होगा सबके मन मे
दूसरा त्यौहार होगा मकर संक्रांति का
इस दिन रात और दिन होते बराबर
दक्षिणायन से उत्तरायन मे
करते प्रवेश सूर्य देव जी
सूर्य धनु राशि छोड़ कर
मकर राशि मे है आते
तभी तो मकर संक्रांति पर्व कहलाते
तिल, गुड़, खिचड़ी खाने का है रिवाज़
होता शरीर मे ऊर्जा और शक्ति का संचार
त्यौहारों की शुरू हुई बौछार
मन ख़ुशी से झूमे बारम्बार
शिवशंकर लोध राजपूत
(दिल्ली)
यह रचना स्वरचित व मौलिक है !
0 टिप्पणियाँ