*विधा------------रोला छंद*
*विषय----------आनंद*
आया नूतन वर्ष , हजारों सपने लेकर ।
स्वागत करते साथ , बधाई सबको देकर ।।
दोहजार ये बीस , विदा करते हैं भाई ।
बारह बजते आज , बॅंटेगें खूब मिठाई ।।
तन-मन हो आनंद , नित्य हम गाथा गाऍं ।
खुशियाॅं छाई आज , सभी नव वर्ष मनाऍं ।।
बजे नगाड़े ढोल , झूमती दुनिया सारी ।
आने वाला वर्ष , लगे हम सबको प्यारी ।।
भरते उर आनंद , सभी नव पर्व मनाऍं ।
कोरोना का काल , आज से सब हट जाऍं ।।
नया वर्ष शुभ काज , मेहनत से कर अपना ।।
जीव जगत संसार , देख लो नूतन सपना ।।
*सुशीला साहू "विद्या"*
*रायगढ़ - छत्तीसगढ़*
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