भूपसिंह 'भारती', जी द्वारा विषय 'योग' पर अद्वितीय रचना#

"योग करो"
काया अपनी निरोग करो,
प्यारे बच्चों तुम योग करो।

उठना बच्चों सुबह सवेरे,
तोड़ो आलस के सब घेरे,
निंद्रा का मत भोग करो।
प्यारे बच्चों तुम योग करो।।

हल्का करना है व्यायाम,
रोज करो तुम प्राणायाम,
तुम अनुलोम विलोम करो।
प्यारे बच्चों तुम योग करो।

करना बच्चों काम ये नेक,
योगासन तुम करो अनेक,
कभी नहीं हठयोग करो।
प्यारे बच्चों तुम योग करो।।

हो तन चुस्त व मन प्रसन्न,
बनना है सर्वगुण सम्पन्न,
तुम सबका सहयोग करो।
प्यारे बच्चों तुम योग करो।।

हमें योग दिवस मनाना है,
जीवन में योग अपनाना है,
रोग मुक्त सब लोग करो।
प्यारे बच्चों तुम योग करो।।

- भूपसिंह 'भारती',
आदर्श नगर नारनौल, हरियाणा।

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