एल एस तोमर जी द्वारा विषय आईना पर खूबसूरत रचना#

*आईना*
गूंगा  है   मगर ये सच बोलता है।
आईना चेहरों के  सब राज खोलता है।

मुश्किल है अब किसी की  पहचान असली ।
इस कदर हैं चेहरे पे चेहरों के गुमान असली।

स्नेह की पोशाक में मित्र मतलब के।
मतलब के सौंदर्य पर, हैं इत्र मतलब के।।

मरहम हमदर्दी का जख्मों को अब झोलता है।।

 आईना चेहरों के  सब राज खोलता है।।
गूंगा है  मगर  ये सच बोलता है।।


दिखा रहा कमी ये पूरे संसार को।
छुपा कर अपने पीछे टूटी दीवार को।

तस्वीर हर टुकड़े में उसकी भी दिखाता है।
पत्थर दिल जो भी इसको तोड़ जाता है।।

टूटेगा मगर फिर भी, पत्थर पे आईना डोलता है।।

गूंगा है मगर ये सच बोलता है।।
आईना चेहरों के सब राज खोलता है।।


पहचाने मगर छुपी हकीकत को  जाने ना।
भरे हैं फिर भी, पीते कभी खुद पैमाने ना।

गंदगी अन्दर की ना देख पाता है ।
सुंदरता बस बाहर की दिखाता है।

खोट नियत के कभी न टटोलता है।

आईना चेहरों के  सब राज खोलता है।।
गूंगा है  मगर ये सच बोलता है।।।


सच  बोलिये, और सच को पहचानिए।
तुम आईना हो खुद का ये जानिए।।

आईने सी ना नजर अपनी बनाइए।
मुखौटा पहले अपना फिर औरों के हटाइए।।

 झुकते नहीं पलड़े फिर
 आदमी खुद को जब खुद ही  तोलता है।।

गूंगा है  मगर ये सच  बोलता है।
आईना चेहरों के  सब राज खोलता है।।


 *मौलिक रचना* 
एल एस तोमर प्रवक्ता 
तीर्थांकर महावीर विश्व विद्यालय
मुरादाबाद उत्तर प्रदेश।

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