*कविता!*
*शीर्षक-भावना!*
शिव गुरू,
प्रकृति किताब!
कर्म कलम,
रचो इतिहास!!
सागर चंचल,
पर्वत गम्भीर!
पवन वेग,
मौसम अधीर!!
देह नश्वर,
चेतन जड़त्व!
ज्ञान संवेदन,
पूर्ण महत्व!!
पाप अंधेरा,
पुन्य ऊजाला!
प्रेम शीतल,
क्रोध ज्वाला!!
जल जीवन,
आग ज़िंदगी!
पंचतत्व से
भाग ज़िंदगी!!
संघर्ष पाठ,
ठोकर परीक्षा!
भावना आखर,
पढ़ो अदीक्षा!!
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अदीक्षा देवांगन"अदी"
बलरामपुर(छत्तीसगढ)
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