माँ और पिता,निर्दोष लक्ष्य जैन

पिता                      माँ 

    दुनियाँ में सबसे खूबसूरत है माँ 
    हमारी सबसे बड़ी जरूरत है माँ 
    भगवान से भी सुंदर मूरत है माँ 
    माँ माँ  बहुत याद  आती  है माँ ॥ 

    आज तू नहीँ तेरी  यादें   है माँ 
    मन मन्दिर में समाई तू हीं तू है माँ 
    वो तेरा हंसना डांटना मुस्कराना 
    थपथपाना पीटना लोरी सुनना 
    बहुत याद आता  बहुत याद आता है माँ ॥ 

    वो खाना बनाते हुए आँचल से पसीना पूछना 
    जबरदस्ती प्यार से डाट कर   हमें खिलाना 
    कभी शिक्षक बन पढ़ाना दोस्त बन साथ खेलना
    बहुत याद आता बहुत याद आता है माँ ॥ 

   वो हाथ पकड़ विधालय  ले जाना 
   नित्य मन्दिर की राह     दिखाना 
   रामायण महाभारत गीता सुनाना 
   जीवन पथ कॊ आगे  बढ़ाना 
   हर दुःख सुख सह हमें काबिल बनाना 
   हमारी हर जिद्द के आगे झुक  जाना 
  बहुत याद आता बहुत याद आता है माँ ॥ 

    ....................निर्दोष लक्ष्य जैन 
                          धनबाद १३।५।२०२०
 
    

     पीता हर  गम   जो      हमारें लिये 
     हर वक़्त फ़िक्रमंद जो   हमारे लिये 
     जिसकी हर सुबह शाम हमारें लिये 
     वो पिता हीं परमेश्वर है हमारें लिये ॥ 

    हमें जिंदगी की हर खुशी  देता है पिता 
   स्कूल की किताब कालेज की फीस है पिता 
    हमारें कपड़े सूट बूट ठाट    है पिता 
    वो क्रिकेट की बाल बेट है  पिता 
    जिंदगी  की हर      जरूरत है पिता ॥ 

    अपने लिये नहीँ हमारें लिये जीता है पिता 
    बड़ी दाढ़ी फटी कमीज टूटे जूते नहीँ चिंता 
    हमारी रोटी कपड़े पढ़ाई फीस यहीँ  चिंता 
   यहीँ है पिता यहीँ है पिता परमेश्वर है पिता ॥ 

                      निर्दोष लक्ष्य जैन 
                            धनबाद १३।५।२०२०

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