कथा वीर प्रताप महान की

बदलाव मंच साप्ताहिक प्रतियोगिता।
विषय: कोई भी(कथामय गायन)
विद्या: काव्य कथात्मक कहानी
दिनांक: 24/06/2020
दिन : बुधवार
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शीर्षक: कथा वीर प्रताप महान की
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मातृ भूमि की  रक्षा  करने,
झोंकी जिसने अपनी जान|
अमर वीर प्रताप सिंह  का,
करता रमेश कथामय गान|

माता   जयवंता   क्षत्राणी,
पिता उदय सिंह कीर्तिमान|
मेवाड़ी धरती पर  जन्मा,
सूर्य समान प्रताप महान|

बनवासी बच्चों संग मिलकर,
घूमा घाटी गुफा वन उपवन|
उस बाल वीर प्रताप सिंह ने,
शस्त्र विधा किया उन्हें प्रदान|

युवराज बना जब छोटा भाई,
नहीं किया उसने  व्यवधान|
महल त्याग कर निकल पड़ा ,
वो त्यागी वीर प्रताप महान|

जगमाल लाड़ला योग्य नहीं,
सामतों ने कर दिया ऐलान|
शान बनेगा वो  मेवाड़ की,
धीर वो वीर प्रताप महान|

जजिया कर लड़कियां हरम में,
थे हिन्दू मुगलों से परेशान।
झुका नहीं  मुगलों के  आगे,
अडिग वो वीर प्रताप महान।

अकबर के लाखों सैनिकों ने,
घेर लिया चितौड़  महान।
हल्दी घाटी में प्रलय  बना,
निडर वो वीर प्रताप महान।

चेतक चढ़ राणा बढ़ा जिधर,
बेरी के  हरता  गया  प्राण।
मुट्ठी भर साथी संग लड़ा,
क्षत्रिय वो वीर प्रताप महान।

पाकर  मदद    भामाशाह  से,
रण किया प्रताप ने  घमासान।
चितौड़ छोड़ सब किले ले लिये,
शूर  वो  वीर  प्रताप  महान।

वो   रहा   सदा   स्वाधीन,
तजा नहीं जिसने स्वाभिमान।
बढ़ाई   मातृभूमि   की   शान,
अमर वो वीर  प्रताप महान।
अमर वो वीर प्रताप महान।।

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नाम - रमेश चंद्र भाट,
उम्र - 59 वर्ष
पता - क्वार्टर संख्या टाईप-4/61-सी, अणुआशा कालोनी, पो.आ. - रावतभाटा, वाया-कोटा, राजस्थान। पिन-323307,
ईमेल- ramesh.bhat43@gmail.com
Mob. 9413356728
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