मोहब्बत और शहादत

शीर्षक-मोहब्बत और शहादत


मेरे जीवन आधार ,
आप अमर हो गए, 
प्राण के उत्सर्ग से। 
मातृभूमि पर जान छिड़ककर, 
त्याग व अपने शौर्य से।।

मातृभूमि पर आप शहादत कर गए,
झटक कर ,हर एक ,बंधन तोड़ गए।।
देशभक्ति का अनंत प्रवाह भर गए,
अपनी धड़कनों को कुर्बान कर गए ।।

आप की स्मृति, आपका बलिदान,
हमारे जीवन का संबल है।
आपकी मातृ- भावना ,
संवेदना प्रबल है।।

आपको ढूंढने का उर में, प्रयास यही ,
मेरी धड़कनों में ,मोहब्बत धड़कती वही। 
यादें मन मंदिर में घूमती जभी,
हवा बनकर आपका प्यार चूमती तभी ।।

मिट्टी के गोदी में ,
अनुभूति आपकी ।
अब धरती मां करती,
क्षतिपूर्ति आपकी।।

वरदान अमर जीवन पाते,
तप तप कर ,खून की होली से ।
आपकी शहादत का वंदन करूं मैं ,
चंदन और रोली से।।

स्वरचित 

अंशु प्रिया अग्रवाल
मस्कट ओमान
सर्व मौलिक अधिकार सुरक्षित

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