बदलाव,डॉ सत्यम भास्कर भ्रमरपुरिया

बदलाव है इक जरिया, 
सम्मान सभी को मिलता है, 
कितने पाखंडी है जग में, 
साहित्य जहाँ बिकता है, 
इस बदलाव के पहलू में, 
पाखंडियों का ख़त्म किस्सा है, 
बदलाव है इक जरिया, 
सम्मान सभी का है..😌
डॉ सत्यम भास्कर भ्रमरपुरिया✍

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