याद रखती हूँ सिर्फ, तुम्हारी हर अदाएं(एकता कुमारी)

याद रखती हूँ सिर्फ, तुम्हारी हर अदाएं, 
हमेशा बख़्श देती, तुम्हारी सभी खताएं।
वो इसलिए करती हूं कि मैं हूँ एक नारी,
ज़ख्मों को सिलकर पूजती, तेरी वफाएं।
           ** एकता कुमारी, बिहार * *

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ