"इत्तेफ़ाक़ से"

बदलाव मंच साप्ताहिक प्रतियोगिता
विषय- कोई भी
विधा- काव्यात्मक कथा
दिनांक: 24जून,2020( बुधवार)
शीर्षक: "इत्तेफ़ाक़ से"

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"काव्यात्मक कथा :- इत्तेफ़ाक़ से"

जैसे  इश्क़  कोई  करता  नहीं बस  हो जाता है।
वैसे इस कहानी में बसे किरदार को हो जाता है।।

शायद किसी से इश्क़ हुई न थी उसे।
इश्क़ शब्द से ही नफ़रत सी थी उसे।।

लड़का कॉलेज  में  स्नातक  कर रहा  होता है।
इक साल गुज़रा पर इश्क़ किसी से ना होता है।।

कईयों ने प्रेम के बुलबुले उड़ाए उसपर।
ठहरा पढ़ाकू, पढ़ने में रहता था अग्रसर।।

किताबों में खोया रहा हमेशा इश्क़   से था न  कोई वास्ता।
परिचित घर के हालात से  अध्ययन ही था एकमात्र रास्ता ।।

फिर एक दिन एक परी का दर्शन हुआ इत्तेफ़ाक़ से।
बिन मुलाकात  होते  रहे  रोज  दर्शन  इत्तेफ़ाक़  से।।

फिर खुला कॉलेज, करने लगा वो क्लास।
फिर वहीं हुआ दिखना उसका अकस्मात।।

एक दिन गत परीक्षा के रिजल्ट की घोषणा हुई।
उसके सपनों की रानी क्लास टॉपर  घोषित हुई।।

फिर लड़के के  मित्रों ने जाना,  पड़ रहा इस पर  प्रेम प्रभाव।
फिर हुआ इत्तेफ़ाक़, जब लड़की ने रखा मित्रता का प्रस्ताव।।

इत्तेफ़ाक़ होता रहा, उसके रूह में प्रेम दीपक जलता रहा।
पता है  उस  लड़की को भी, लड़का  उससे  प्रेम कर रहा।।

प्रेम का पड़ा ऐसा प्रभाव, कविताओं से प्रदर्शित करता प्रेम भाव।
लिखकर बताता है अक्सर वो, कभी तो किनारे लगेगा प्रेम नाव।।

जिसे कल नफ़रत होती थी मोहब्बत से।
आज  मोहब्बत  है  उसे  मोहब्बत  से।।

वो शख़्स कोई और नहीं, रचनाकार "सुब्रत" है।
जिसे  हुई  अाज  मोहब्बत से  ही  मोहब्बत  है।।


रचनाकार : सुब्रत कुमार राव
पता : भागलपुर, बिहार
उम्र : 19 वर्ष

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