भोजपुरी निर्गुण भजन 4 -महायोगी रहला |
तोहरे बिना नटखट कनहइया सजेला ना बृंदावनवा |
ना केहु बांसुरी बजावे ना केहु गइया चरावे |
साँच कही तू त योगी महायोगी रहला |
सत्यभामा से पहिले राधा के बियोगी रहला |
कइला महाभारत अर्जुन के सारथी बनिके |
जितवला पांडव अपना चक्र चलाइके |
मिटावे जगवा पपियन के बिरोधी रहला |
सत्यभामा से पहिले राधा के बियोगी रहला |
सोरहो कला से सजल सुनर श्याम तू कहाला |
मोरवा के पंख मुकुट संग घनश्याम तू कहाला |
जितावे अर्जुन के रनवा उनकर सहयोगी रहला |
सत्यभामा से पहिले राधा के बियोगी रहला |
श्याम कुँवर भारती (राजभर)
कवि /लेखक /गीतकार /समाजसेवी
बोकारो झारखंड मोब -9955509286
Badlavmanch
0 टिप्पणियाँ