मन महकता फुलवारी
क्या रखा है दुनियाँ में
मन कॊ फुलवारी बना ले तू
फूलों की तरह मुस्कराना सीखो
फूलों सी खुशबू लूटाना तू
क्या रखा है दुनियाँ में
मन कॊ फुलवारी बना ले तू
फूलों से तुम जीना सीखो
फूलों से मुस्कराना तुम
देश धर्म पर बलि बलि होना
फूलों से ही सीखो तुम
नही भेद भाव है इनमे
सबसे समान प्यार करें
यही फूल मंदिर में चढ़ते
यही गुरुद्वारे मस्जिद में
यही फूल चढ़ते अर्थी में
यही फुल गुमान तब करते
जब चढ़े तिरंगे से लिपटे
शहीदो के जनाजे में
क्या रखा है दुनियाँ में
मन कॊ फुलवारी बना ले तू
फूलों से मुस्कराना सीखो
फूलों सी खुशबू लूटाना तू
" लक्ष्य" अब तो यही बनाओ
मन महकती फुलवारी बना ले तू
निर्दोष लक्ष्य जैन
......धनबाद झारखंड
Badlavmanch
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