सावन का रंग


◆सावन का रंग◆
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सावन के इस मौसम का,
आलम भी बड़ा निराला है।
झूम झूम जो बरसा है,
वो बारिश बड़ा मतवाला है।।
कारे कजरारे बदरा ने भी,
यूँ जमकर धूम मचाया है।
चाहूँओर हरियाली का,
मनोरम शमा बंध आया है।।
भर गए हैं ताल तलैया,
मौसम ने ली अंगड़ाई है।
बलखाती नदियों को देखो,
अपने यौवन पर इठलाई है।
ये मदमस्त पवन का झोंका,
मन को यूँ महकाती है।
हो प्रियतम पास में जैसे,
दिल को ये भरमाती है।।
सावन के इस मौसम का,
रंग ही यार निराला है।
यूँ होता है मन प्रफुल्लित,
जैसे दिलवर आने वाला है।।
सुजीत संगम
बाँका, बिहर

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