*ऐ जिंदगी तेरा सलीका क्या है*,
*तू ही बता जीने का तरीका क्या है*,
*भटक रहे हैं, बच्चों की खातिर*,
*दुध, खिलौने, थोड़े पैसे, ऐ मुसाफ़िर*,
*दर्द सहने में मैं हूँ माहिर*,
*तरस गया हूँ, बच्चों की खातिर*,
*कुछ तो कर रहम , खता हुई हो तो मैं हूँ हाज़िर*,
*फेर दे दुआओं का हाथ सर पे हूँ नहीं में मैं काफिर*,
*ऐ जिंदगी तेरा सलीका क्या है*,
*तू ही बता जीने का तरीका क्या है*.
*डॉ सत्यम भास्कर भ्रमरपुरिया*
*डायरेक्टर आयुस्पाईन हास्पिटल दिल्ली*
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