तवायफ

तवायफ

तवायफ शब्द से ही क्यों लोग घिन्न  करने लगते हैं
उनसे संबंध तो रखते हैं मगर नाम नहीं लेना चाहते हैं। 
 
इंसान की अजीब इंसानियत और रिश्तेदारी देखी है
हवस मिटाने के बाद भी उसी को  गाली देते देखा है। 

सब इसके पास जाकर अपनी इच्छा पूरा करते है
लेकिन इसकी कोई क्यों इच्छा को पूरी नहीं करते हैं। 

तवायफ शब्द से फिर क्यों लोग घिन्न करने लगते हैं 
ये भी तो इंसान है फिर क्यों इसको सम्मान नहीं देते हैं ।

उनसे दिल्लगी करने की ख्वाहिश तो रखते हैं 
मगर उसके साथ जिंदगी बिताना नहीं चाहते हैं। 

जब मन हुआ उससे खेलने को, तब खेल आते हैं
 लेकिन उसको अपने साथ कभी नहीं रखना चाहते हैं। 

 इसी से जन्म लिया हुआ 
बहन, बेटी से रिश्ता रखते हैं और हवस मिटाते हैं 
इतना बेशर्म होने के बाद भी 
उल्टा इसी को ही सभी शर्म की पाठ पढ़ाते हैं ।

ये सिलसिला तो सदियों से चलता आ रहा है
इसका इतिहास भी गवाह है 
मगर आज तक शायद ही कोई ,किसी तवायफ 
 को अपना बनाया होगा। 

 इसकी गलियों में जाना खुद को महान समझते हैं
 मगर यहां रहने वाले को हर बार बदनाम  करते हैं। 

इंसान भी अजीब है बस काम भर यारी रखते हैं 
उसके बाद उसको  देखना भी पसंद नहीं करते हैं
©रूपक

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