चँद्र सुंदर दुल्हा सलोना
तारों के संग नाचे छौना
माँ मेरा भी ब्याह करा दे ,
चाँदनी को दुल्हन बना दे ।।
विभा गहन श्वेत धवल आवरण
उर में उमंग खेले मनभावन ।
सुंदर परी चाँदनी उतरी,
प्रीतम को देख लज्जाए संवरती।।
रातरानी, बेली ,चंपा ,जूही
मदमस्त महके बतियाते यूँ ही ।
हर श्रृंगार स्वागत में बिछ जाते ,
ज्यों हर्षाकर सेज सजाते ।।
ओस की बूँदे मोती बनकर ,
झिलमिल- झिलमिल गीत गाएँ !
सृष्टि आनंदित शहनाई बजाएँ,
तारे टिमटिमाएँ, जुगनू मुस्कुराएँ ।।
अंशु प्रिया अग्रवाल
मस्कट ओमान स्वरचित
Badlavmanch
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