सिर्फ पुरुषार्थ हो



आशा प्रवास हो,निवास विश्वास हो ।
विलास का नाश हो ,बुद्धि विकास हो ।।
सत्य के दर्शनों में ,पुण्य का भेद हो ।
अवगुणो की जमीं में ,सद्गुण का वास हो।।
योग सत्संग का ,ना कुसंग साथ हो ।
ना बंधन साथ हो ,ना अधर्म पास हो ।।
भ्रम जो पाला न खोना,सब पाना मुझे ।
जीवन में मेरे ,"सिर्फ पुरुषार्थ हों "।।
डॉ अनुज कुमार चौहान "अनुज "
अलीगढ़ (उत्तर प्रदेश )9458689065

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