माँ की गोद

बदलाव मंच साप्ताहिक प्रतियोगिता।

बदलाव मंच चित्रात्मक काव्य सृजन सह विडियो काव्य 

चित्र क्रमांक:- 05
शीर्षक:- माँ की गोद

नाम:- रमेश चंद्र भाट, रावभाटा, जिला-चितौड़गढ़, राजस्थान
दिनांक 01/07/2020
वार - बुद्धवार

विषय:- काव्य सृजन सह  वीडियो काव्य
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माँ की गोद में आकर बच्चा,
यों आनंदित हो जाता है।
जैसे सच्चा साधक अपने,
ईश्वर से मिल जाता है।

अपना खून सींच के माता,
तुझको जीवन देती है।
दूध पिला छाती से अपना,
पोषण भी तेरा करती है।

पढ़ी लिखी हो चाहे अनपढ़,
पहली शिक्षक माँ होती है।
तुम पर आंच यदि आये तो,
माँ जगदम्बा बन जाती है।

तूं तो छलता हंसकर उसको,
निश्छल प्यार लुटाती माँ है।
सारे कष्टों को सहकर भी,
तेरा ही सुख चाहती माँ है।

जैसा हम बच्चों को चाहते,
वैसा माँ ने लाड दिया है,
थक जाये जब काया उसकी,
माँ को सच्चा सुख देना है।

बच्चों का विश्वास हे माता,
विश्वास हमें माँ  का बनना है।
सेवा से कर तृप्त उसका मन,
दुध का कर्ज चुकाना है।

वात्सल्य का बहता निर्झर,
करुणा की नदी सी बहती है।
निर्मला सुत रमेश यह कहे,
शुभ आशीष ही माँ देती है ।
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
नाम- रमेश चंद्र भाट
पता- टाईप-4/61-सी, अणुआशा कालोनी, रावभाटा, जिला-चितौड़गढ़, राज.

ईमेल-  ramesh.bhat43@gmail.com

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