आत्म को पहचान रे मानव
आत्म को पहचान
.आत्म को जान लिया तो
हो जाए .कल्याण
भजले राम नाम राम
भजले आत्म राम
आत्म को पहचान रे मानव
आत्म को पहचान
एक दिन आया जग मे
एक दिन तुझको जाना है
आने जाने की रिति निति
यही जीवन मरण की कहानी है
आत्म कॊ पहचान रे मानव
आत्म कॊ पहचान
भजले राम नाम राम
अहम का चश्मा लगा हम
मृत्यु कॊ भूल जाते है
मोह माया के माया जाल मे
खुद कॊ भूल जाते है
आत्म कॊ पहचान रे मानव
आत्म कॊ पहचान
भजले राम नाम राम
जीवन काल की अवधि
हम यूँ ही व्यर्थ गंवाते है
मोह माया मे फंस कर
निज आत्म कॊ भूल जाते है
आत्म कॊ पहचान रे मानव
आत्म कॊ पहचान
भजले राम नाम राम
आत्म राम राम
निर्दोष लक्ष्य जैन
धनबाद झारखंड
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