आया चतुर्मास त्यौहार
आया चतुर्मास त्यौहार
करने जीवन का उद्धार
करने पापों का संघार
आया चतुर्मास त्यौहार
... पतझड़ मे बहारें आई है
धरती ने ली अंगड़ाई है
फिजाओं मे खुशबू छाई है
जहाँ जहाँ ऋषि मुनियों
के कदम पड़े
वो धरा गर्वमयी होती है
बादल भी वहाँ मुस्कराते है
.......खुशियों के चमन खिलखिलाते है
वहाँ धर्म की गंगा बहती है
हर प्राणी मात्र हर्षाते है
होता उनके जीवन का उद्धार
आया चतुर्मास त्यौहार
वहाँ देव भी चँवर ढुलाते है
वहाँ समोशरण रचाते है
..जहाँ ऋषि मुनियों की वाणी खिले
वह धरा धर्ममय होती है
आया चतुर्मास त्यौहार
अब तो "लक्ष्य " यही निर्दोष
इस गंगा मे गोते लगाना है
ऋषि मुनियों के सत्संग मे
यह चतुर्मास बिताना है
कुच्छ पापों से मुक्ति पानी
कुच्छ धर्म मे समय लगाना है
आया चतुर्मास त्यौहार
निर्दोष लक्ष्य जैन
धनबाद झारखंडq
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