आनंद-विवेका



आनंद -विवेका
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है बन्धुवर ,आनंद स्वर ,
एक तान सत्य की गाओ ।
मरण कभी होता नहीं जिसका ,
"शुद्ध आत्मा "पाओ ।।
मेरा तेरा ,तू और मैं का ,
"भेद -मुकुट "उतराओ  ।
केवल बन्धन ,छुट जाता ,
नर -ईश सदा मुस्काओ ।।
रात-दिन ,इस राग बिन ,
ना कर्म-बली ,इतराओ ।
आनन्द परम्,आनंद सुगम ,
बस जान ,इसी को जाओ ।।
डॉ अनुज कुमार चौहान "अनुज"
अलीगढ़ (उत्तर प्रदेश)

9458689065


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