लिफ्ट

 प्रिया और आकांक्षा !!! यह दोनों तुम्हारी फ्रेंड हैं न...? दिव्यांशु ने साक्षी से कहा।  साक्षी ने हां में सिर हिला दिया। प्रिया और आकांक्षा ने भी दूर से गाड़ी को देख लिया और एक दूसरे से बोलीं -
प्रिया- "साक्षी को देख .....! क्या नसीब पाया है !! लग्ज़रियस गाड़ी.....! पैसे वाला पति ....! उफ्फ़ !! काश उसकी जगह मैं होती....!!!"
आकांक्षा- "वो तो अभी भी हो सकती है। "( कुटिल मुस्कान के साथ )
प्रिया ने आश्चर्य से पूछा-" वो कैसे? " 
आकांक्षा बोली," सिंपल है यार!  हम दोनों उनसे लिफ्ट लेते हैं और बहाने से उसके हस्बैंड का मोबाइल नंबर ले  लेेंगे ! उसके बाद पहले गुड मार्निंग मैसेज .....  रिप्लाइ आने पर..... नाइट को गुड बनाने वाले मैसेज.....।" इतना कहते ही दोनों एक दूसरे को ताली देते हुए हंस पड़ीं।
" अगर वो नहीं माना तो? या फिर पकड़े गये तो ....,  तो .......साक्षी .......?" प्रिया ने आकांक्षा से आशंका जताई । आकांक्षा बोली " अरे! बेचारी साक्षी है तो अच्छी लेकिन उसका गुस्सा......। जिससे बेचारा  दिव्यांशु परेशान रहता है ! हमें तो केवल उसके स्ट्रेस को कम करना है प्यार से..... ,मीठी-मीठी बातों से........ । उसके बाद साक्षी केवल नाम की बीवी.....। दिव्यांशु के साथ लग्जरियस लाइफ का मजा तो हम उठाएंगे..... हा..... हा..... हा ....(हंसते हुए)।"
अचानक उनकी हंसी और सपने दोनों एक ही क्षण में कार के तेजी से आगे निकल जाने से टूट कर बिखर गए। साक्षी पहले से ही प्रिया और आकांक्षा को भांप चुकी थी इसलिए वह चिलचिलाती दोपहर में उन दोनों को अनदेखा कर दिव्यांशु से गाड़ी रोकने की मना कर देती है। दिव्यांशु और साक्षी एक दूसरे को देख कर मुस्कुरा रहे हैं !! मानो कह रहे हों.... हमारे बीच किसी के लिए कोई जगह नहीं है।

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